गणतंत्र दिवस पर भाषण हिंदी में (Republic Day Speech In Hindi 2023)

Republic Day Speech In Hindi: गणतंत्र का अर्थ एक देश में जनता द्वारा नियंत्रित प्रणाली जहां पर जनता द्वारा सत्ता चुनी जाती है। इसी प्रकार हमारे देश में 26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू हुआ था। इसीलिए हम लोग प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं। भारत की सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएं तथा स्कूल कॉलेज में अलग-अलग तरीके से गणतंत्र दिवस को उत्सव के रूप में मनाते हैं।

भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर विभिन्न स्कूल व कॉलेजों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं होती हैं, जिसमें से एक प्रतियोगिता भाषण की भी होती है। यदि आपने भी गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने स्कूल या कॉलेज में भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है, तो आपके लिए यह आर्टिकल काफी मददगार साबित होने वाला है।

गणतंत्र दिवस भाषण 2023 (Republic Day Speech In Hindi 2023)

गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day Speech In Hindi) देने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा जैसे कि सबसे पहले आपको स्टेज पर पहुंचकर कुछ गणतंत्र दिवस से संबंधित कुछ कविता की लाइनें या फिर शायरी बोलनी है, जिससे सामने बैठी जनता या विद्यार्थियों के अंदर जोश भर जाए जैसे कि हमने कुछ कविता की लाइनें नीचे लिखी हैं।

  • सदियों से ठंडी बुझी राख सुब बुगा उठी,
  • मिट्टी सोने का ताज पहनकर इठलाती है।
  • दो राह समय के रथ का घर्घर नाद सुनो,
  • सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।

कविता या शायरी कहने के बाद आपको अपना परिचय देना है, और वहां पर उपस्थित जनता का अभिवादन करना है इसके बाद 74वें गणतंत्र दिवस की शुभकामना देना है।

अपने स्कूल व कॉलेज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर नीचे लिखे भाषण को पढ़कर वहां उपस्थित सभी अतिथियों व विद्यार्थियों प्रभावित कर सकते हैं।

Republic Day Speech In Hindi

गणतंत्र दिवस 2023 के भाषण द्वारा प्रभावित कर देने वाली पंक्तियां (Republic day speech in hindi 2023)

प्रणाम, मैं भी वही हूं जो आप हैं, भारत माता की संतान आपकी तरह मेरी भी धमनियों में ऋषि यों मुनियों का वह तेज भरा है।

आज अपना परिचय इसलिए दे रहा हूं क्योंकि प्रणाम करके परिचय देना हम भारतीयों की पहचान है।

मैं उस भारत से आता हूं, जिसके होठों पर गंगा है, और हाथों में तिरंगा है, वह भारत जहां कभी सत्यम शिवम सुंदरम तो, कभी वंदे मातरम तो, कभी पंजाब गुजरात सिंधु मराठा द्रविड़ उत्कल बंग है।

मैं उस भारत से आता हूं, जहां ठुकराए हुए लोगों की शरण स्थली बन जाता है, और सात समंदर पार के लोगों को सिस्टर ब्रदर कहकर बुलाता है।

मैं गौतम के भारत से आता हूं, जहां जनहित के लिए एक राजपूत सन्यास ले लेता है।

मैं उस भारत से आता हूं, जहां एक बेटा अपने पिता के आदेश के कारण 12 वर्ष के लिए वनवासी हो जाता है।

मेरा भारत प्रेम का पुण्य लोक अहिंसा का जन्म स्थान है, लेकिन नारी पर अत्याचार होने पर बच्चा-बच्चा हनुमान है।

आज मैंने प्रणाम करके परिचय इसलिए दिया क्योंकि प्रणाम करके परिचय देना हम भारतवासियों की पहचान है।

Hindi Republic Day Speech

आज हम सब यहां गणतंत्र दिवस के मौके पर एकत्रित हुए हैं, क्योंकि यह हमारे लिए एक खास दिन है। इस दिन हमारे देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हम यह 74 वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। हम 1950 से प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस एक पर्व के रूप में मनाते हैं। यह दिवस हर भारती के लिए अभिमान है, अनगिनत कुर्बानियों के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी लेकिन इस आजादी का सही मायने में आकार 26 जनवरी 1950 को मिला क्योंकि जिस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था।

भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है इसमें प्रारंभ में 395 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियां तथा 22 भाग थे। लेकिन समय-समय पर इनमें संशोधित बढ़ोतरी हुई। वर्तमान समय में भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद 8 अनुसूचियां तथा 22 भाग है। भारतीय संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने 18 दिन लगे। 26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने शपथ ग्रहण की।

उस समय हमारे देश के भूतपूर्व नेता महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, लाल बहादुर शास्त्री, जवाहरलाल नेहरू, चंद्रशेखर आजाद, डॉ सच्चिदानंद सिन्हा, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, भीमराव अंबेडकर, आदि अनगिनत नेताओं ने मिलकर अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ी और संविधान बनाने में एक दूसरे का सहयोग किया। अंग्रेजों से लड़ाई लड़ते समय लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई व लाखों लोग जेल भी गए हम ऐसे वीरों को कभी नहीं भूल सकते। हम ऐसे वीरों को सलाम करते हैं।

शायद ही आप लोगों को गणतंत्र या रिपब्लिक का तथ्यात्मक मतलब पता हो, लेकिन आप लोगों को में इसका अर्थ स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं। गणतंत्र या रिपब्लिक एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें देश लोगों का होता है, तथा सरकार भी लोगों की होती है। इसको चलाने के लिए सबसे बड़ा माध्यम लोकतंत्र यानी हम अंग्रेजी में कहे तो डेमोक्रेसी (democracy) इस डेमोक्रेसी को अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने बड़े ही साधारण शब्दों कुछ इस प्रकार से उल्लेख किया है, कि लोकतंत्र जनता का है तथा शासन जनता का। हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। वैसे तो लोकतंत्र की आवश्यकता पड़ी क्यों जैसा की आप लोगों ने सुपर 30 फिल्म में एक डायलॉग सुना होगा, कि अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, राजा वही बनेगा जो हकदार है। परंतु पहले ऐसा नहीं था पहले राजा का बेटा ही राजा बनता था, चाहे वह योग्य हो अथवा नहीं। वर्तमान में भी अभी भी कई ऐसे देश हैं जहां पर वंश परंपरागत शासन व्यवस्था चली आ रही है।

लेकिन हमारे भारत में अंग्रेजी सत्ता उखाड़ फेंकने के बाद सन 1950 से डेमोक्रेसी अपना ली गई थी। इसी के उपलक्ष्य में आज हम इस दिन को पर्व के रूप में मना रहे हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को ही पारित कर दिया गया था। 26 नवंबर को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं। 26 नवंबर 1949 को क्यों पारित हुआ था। उसी दिन लागू क्यों नहीं हुआ, लागू ना करने होने का का सबसे बड़ा कारण था 26 जनवरी सन 1930 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रात के समय लाहौर में पहली बार तिरंगा फहराया था, इसलिए भारतीय संविधान को 26 जनवरी को लागू किया गया। देश के विभिन्न हिस्सों में विद्यालयों व सरकारी संस्थाओं में ध्वजारोहण व रंगारंग कार्यक्रमों के साथ-साथ स्वादिष्ट मिठाइयों से हम एक दूसरे का मुंह मीठा करते हैं।

हमारे भारतीय संविधान को बनाने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को नमन करता हूं और दिल से धन्यवाद करता हूं, कि उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान बनाया। 26 जनवरी को हमें स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का अवसर प्राप्त होता है। यह अवसर है देश के जांबाज सिपाहियों के लिए बंदन और अभिनंदन करने का जिन्होंने हंसते-हंसते देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी। 26 जनवरी अवसर है, फक्र करने का कि इस देश में तमाम विविधताओं के बाद भी हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का हिस्सा हैं। यह अवसर है सीना तान खड़े होकर जन गण मन गढ़ गाने का।

अंतिम लाइनों में हम देश के वीरो व जवानों को नमन करते हैं, जो वीरगति को प्राप्त हो गए मुझे फक्र है भारत देश में जन्म लेने का कि मैं ऐसे सशक्त मजबूत व निर्भय देश में जन्म लिया है, जिसका इतिहास बहुत प्राचीन व सुंदर है। हमारे भारत देश को प्राचीन काल में सोने की चिड़िया कहा जाता था यहां पर अपार धन प्राकृतिक संसाधनों की अथाह भंडार थे। मुझे गर्व है इस देश पर जिस देश में स्वामी विवेकानंद डॉ भीमराव अंबेडकर बाल गंगाधर तिलक गांधीजी एसे राष्ट्रवादी लोगों ने जन्म लेकर देश को गणतंत्र बनाने में अपना जीवन न्योछावर कर दिया।

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Republic Day Speech in Hindi Overview

Post TitleRepublic day speech in Hindi 2023
CategoryHindi Speech
LanguageHindi
Date26 January

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अक्सर गणतंत्र दिवस से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

26 जनवरी पर भाषण कैसे दें?

Republic Day Speech In Hindi: यदि आपको स्कूल या कॉलेज या किसी कार्यक्रम में 26 जनवरी के अवसर पर भाषण देना है, तो आप इस आर्टिकल में बताए गए सभी बिंदुओं को ध्यान से पढ़ें। तथा उनको फॉलो करें।

26 जनवरी 2023 को कौन सा गणतंत्र दिवस है?

26 जनवरी 2023 को 74 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।

26 जनवरी 2023 के गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि कौन होंगे?

26 जनवरी 2023 में गणतंत्र दिवस के समारोह पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल मुख्य अतिथि होंगे या जानकारी विदेश मंत्रालय द्वारा साझा की गई है।

Republic day को हिंदी में क्या बोलते हैं?

Republic day को हिंदी में गणतंत्र दिवस कहते हैं।

26 जनवरी को हमारे देश में कौन सा राष्ट्रीय त्योहार मनाया जाता है?

26 जनवरी को हमारे देश में गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय त्यौहार मनाया जाता है।

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